Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय विश्वनाथ

*विश्वनाथ !*
 
विश्वनाथ ! 
तेरे मंदिर में, 
भक्त रहे हैं लूट |

भक्तिभाव का आडंबर है,
फीका-फीका जोश,
याद नहीं है, तेरी पर है,
दुनियाभर का होश,
रुपये ले, 
दर्शन करवाते, 
पुरोहितों के जूट |

नव निर्मिति की दीवारों पर
सुंदरता के टेंट,
नंदक धर्म-ठिकानों के हैं,
सबसे ज़्यादे रेंट,
फूलों की,
मालाओं पर नित, 
स्वार्थ गाँठती छूट |

ज्वराक्रांत हो गई व्यवस्था, 
तुमड़ी निकला पेट,
पट्टे के अधिकार-क्षेत्र में
आड़े आता गेट,
सुविधाओं को, 
कुचल रहा है,
वरदी वाला बूट |

सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर 

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7 Comments

Palak chopra

03-Nov-2022 03:21 PM

Shandar 🌸

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Gunjan Kamal

02-Nov-2022 03:55 PM

बहुत ही सुन्दर

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Khan

31-Oct-2022 11:26 PM

Bahut khoob 💐👍

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