दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय विश्वनाथ
*विश्वनाथ !*
विश्वनाथ !
तेरे मंदिर में,
भक्त रहे हैं लूट |
भक्तिभाव का आडंबर है,
फीका-फीका जोश,
याद नहीं है, तेरी पर है,
दुनियाभर का होश,
रुपये ले,
दर्शन करवाते,
पुरोहितों के जूट |
नव निर्मिति की दीवारों पर
सुंदरता के टेंट,
नंदक धर्म-ठिकानों के हैं,
सबसे ज़्यादे रेंट,
फूलों की,
मालाओं पर नित,
स्वार्थ गाँठती छूट |
ज्वराक्रांत हो गई व्यवस्था,
तुमड़ी निकला पेट,
पट्टे के अधिकार-क्षेत्र में
आड़े आता गेट,
सुविधाओं को,
कुचल रहा है,
वरदी वाला बूट |
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर
Palak chopra
03-Nov-2022 03:21 PM
Shandar 🌸
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Gunjan Kamal
02-Nov-2022 03:55 PM
बहुत ही सुन्दर
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Khan
31-Oct-2022 11:26 PM
Bahut khoob 💐👍
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